बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार ।। जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा॥ अंजनीगर्भ संभूत कपीन्द्र सचिवोत्तम । मनोजवम् मारुततुल्यवेगम् जितेन्द्रियम् बुद्धिमताम् वरिष्ठम्। हनुमानजी बंदर या वानर थे या कुछ और, क्या आज भी मिलते हैं ऐसे लोग हनुमानजी बंदर या वानर थे या कुछ https://gregorycskzo.fare-blog.com/35108225/5-essential-elements-for-hanuman-mantra