अर्थ- हे गिरिजा पुत्र भगवान श्री गणेश आपकी जय हो। आप मंगलकारी हैं, विद्वता के दाता हैं, अयोध्यादास की प्रार्थना है प्रभु कि आप ऐसा वरदान दें जिससे सारे भय समाप्त हो जांए। प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला । जरे सुरासुर भये विहाला ॥ सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट https://shivchalisas.com